गोण्डवाना समय चक्र (घडी) का अविष्कार


जय  गोण्डवाना 
इस  गोण्डवाना   समय  चक्र  (घडी) का  अविष्कार  सर्व प्रथम 
 आइ टी आई  के   छात्र  सरोटिया  जी  -  ग्राम   बगदेवा  तहसील  पाली  जिला   कोरबा  ( छत्तीसगढ़  )  और   उनकी टीम के   ----    1980   से  सतत्   शोध   और   प्रयोग  के   बाद     1993   मे   इन्हें   सफलता   मिली 
यह  घड़ी   सामान्य   घड़ी से  ---- उलटी   दिशा  ----- यानी   --- प्राकर्तिक   सही   दिशा में    घूमती है
पहली   सल्ला गागरा  चिन्हित   घड़ी   बना कर  इस  टीम ने  ---- दादा  हीरा सिंह मरकाम जी के  जन्मदिन   पर  उन्हें   अमर कन्टक     मे  भेट  किया  था यही   कार्यक्रम   इस  घड़ी का   उदघाटन   भी  था 
इस  आविष्कार के  लिए सरोटिया जी और   उनकी टीम  का --- गोन्ड  समाज   हमेशा   आभारी   रहेगा पुरी   टीम को दिल से बारम्बार जोहार जोहार सेवा सेवा
सरोटिया  जी  ने  --- दिलीप  सिंह   परते जी को  अपना   प्रथम   शिष्य भी  बनाया है 
यही   से  परते जी ने   इस  घड़ी का  विभिन्न   प्रकार से   उत्पादन   शुरू किया है हर  गोण्डवाना   पेन   जतरा    और   गोण्डवाना   महासभा के    राष्ट्रीय कार्यक्रम में    घड़ीयो  का  स्टाल   लगता है पूरे भारत में   कई    हजार   गोन्ड  सगाओ के   घरों में   यह  घड़ी   है   
                                जय गोण्डवाना जय रावन
             *एक संदेश गोंडवाना भूभाग के मुलवंशज समाज के लिए*
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