आज हमारे समाज में गोत्र के नाम से बहुत ज्यादा भ्रम हैं जिसके कारण समाज में कभी कभी कुछ ऐसे घटना घट जाता हैं जिसकी समाज में किसी को उम्मीद नहीं होता हैं, हम सबको , खासतौर से युवा वर्ग को अपने गोत्र और उस गोत्र के अन्दर कितने- कितने उप गोत्र आते हैं के बारे में जानकारी होना चाहिए।
यह हम कुछ उदहारण देना चाहेंगे जिससे गोत्रवाली को अच्छे से समझ सके
जाती :- गोंड
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गोत्र :- कुरुम
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उपगोत्र :- आयाम
अब यह ध्यान देने वाली बात हैं की कुरुम गोत्र में उपगोत्र आयाम से लेकर शिवराम तक (ऊपर फोटो में देखे ,18 उपगोत्र ) आपस में भाई -भाई होंगे और इनमे आपस में विवाह हेतु वर वधु का लेनदेन नहीं हो सकता , बल्कि विवाह हेतु कुरुम गोत्र के लोग अन्य गोत्र के उपगोत्रों से (कुछ निजी समन्धो जैसे की मौसी -बड़ी आदि को छोड़ कर )वर वधु का लेनदेन कर सकते हैं ,
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