सभी सगा जानो को जय सेवा
आज मैं अपने सगा जानो को रावण के बारे में विशेष जानकारी देने की कोशिश किया हैं जिससे रावण के बारे में जो अंध विश्वाश हैं उसे दूर किया जा सके |
हम राम और रावण को कब जानते हैं ? जब हम रामायण पढ़ते हैं , रामायण को कई प्रकार से लिखा गया हैं जैसे 1 प्राकृत रामायण 2 अध्यात्मा रामायण , 3 स्कन्द रामायण , 4. वाल्मीकि रामायण 5 . रामचरित मनास ,6 सच्ची रामायण आदि
जब इन रामायण को पढ़ते हैं तब पता चलता हैं की केवल रामचरित मनास जो की तुलशी दास दुवारा लिखा गया हैं उसी में ही रावण को दुरा चार बताया गया हैं बाकि सभी रामायण में रावण को पडित बताया गया हैं जिसका मतलब महा ज्ञानी होता हैं , प्राकृत रामायण के अनुसार सीता रावण की बेटी थी , जबकि स्कन्द रामायण के अनुसार राम और सीता दोनों भाई बहन थे , और वही सच्ची रामायण की बात करे तो इसमें राम को गुंडा और सीता को व्यश्य जबकि रावण को महान विद्द्वान कहा गया हैं , इससे पता चलता हैं की जो रामायण लिखा गया हैं वह बिल्कुल काल्पनिक हैं और इसे अलग अलग कवियों ने अपने अनुसार लोगो की मनोरंजन के लिए लिखा हैं , वैसे रामायण कोई ग्रन्थ नही हैं वो सिर्फ काब्य हैं ये बात लगभग सभी जानते हैं ,
रावण को तुलसी कृत रामायण में ब्राम्हण बताया गया हैं और राम को छात्रीय बताया गया हैं , और एक छात्रीय ने एक नही अनेको ब्राम्हण की वध किया , तो से किया ? भाई जब रावण ब्राम्हण था तो उसका पूरा कुल भी तो ब्राम्हण हुआ ना और रावण के कुल का सर्वनाश राम ने किया ,
हिन्दू ग्रन्थ व शास्त्र में लिखा हैं यदि कोई ब्राम्हण की हत्या करे तो वह महान पापी हैं, इस हिसाब से तो राम बहुत बड़ा पापी हुआ , अब आप ही सोचे की आप किसको जलना पसंद करेंगे
इसके अलावा ये भी लोग कहते हैं की रावण गोंड वंश का था तो उसी रामायण में लिखा हैं :-
विप्र पूजे बल गुण हिना
छुद्र ना पूजे बल गुण प्रवीना ||
अर्थात ब्राम्हण (विप्र ब्राम्हण को कहा गया हैं ) भले ही बल में कमजोर हो गुण में गुणहिन् हो उसकी पूजा होना चाहिये और छुद्र भले ही सक्ती साली हो उनके अन्दर महान गुण हो लेकिन उसकी पूजा नही होना चाहिये .
यदि रावण गोंड वंश का था तो स्वाभाविक हैं उसका पूजा ब्राम्हण नही करना चाहेगा
इसके अलवा तुलसी कृत रामायण में लिखा हैं की रावण श्रीलंका का हैं और उसे मारने के लिए बंदरो ने भारत और श्रीलंका के बीच सेतु बांध का निर्माण किया , इसके अलावा यह भी लिखा की श्रीलंका सोने की लंका था जिसे एक बन्दर ने अपने पूछ में जला कर रख कर दिया . अब बतावो जब श्रीलंका में आग लगा तो वहा का सिर्फ सोना जल गया और सभी जीव बच गए ? ये कैसे हो सकता हैं जब हनुमान में श्रीलंका को आग लगाया तो उसमे स्वाभिक सा हैं की उसमे निर्दोष जीव जंतु भी मारा गया होगा इन सबका मौत का जिम्मेदार कौन हैं , राम , हनुमान या रावण ,? राम या हनुमान का दुश्मनी केवल रावण से ही था ना तो निर्दोष जीव जंतु से तो नही, क्या हनुमान के पास दिमाग नही था जो उन्होंने लंका में आग लगा दिया और जो दुसमन रहा वो जीवित बच गया जबकि निर्दोष मर गए अगर ऐसा देखा जाये तो हनुमान भी महापापी हैं , और वही विज्ञानं की माने तो सोने को जलाने के लिए 4000 सेंटी ग्रेट तापमान जरुरत होता हैं इतने ताप में तो खुद हनुमान भी नही बचता श्रीलंका वालो को पूछता कौन हैं ||
आज मैं अपने सगा जानो को रावण के बारे में विशेष जानकारी देने की कोशिश किया हैं जिससे रावण के बारे में जो अंध विश्वाश हैं उसे दूर किया जा सके |
हम राम और रावण को कब जानते हैं ? जब हम रामायण पढ़ते हैं , रामायण को कई प्रकार से लिखा गया हैं जैसे 1 प्राकृत रामायण 2 अध्यात्मा रामायण , 3 स्कन्द रामायण , 4. वाल्मीकि रामायण 5 . रामचरित मनास ,6 सच्ची रामायण आदि
जब इन रामायण को पढ़ते हैं तब पता चलता हैं की केवल रामचरित मनास जो की तुलशी दास दुवारा लिखा गया हैं उसी में ही रावण को दुरा चार बताया गया हैं बाकि सभी रामायण में रावण को पडित बताया गया हैं जिसका मतलब महा ज्ञानी होता हैं , प्राकृत रामायण के अनुसार सीता रावण की बेटी थी , जबकि स्कन्द रामायण के अनुसार राम और सीता दोनों भाई बहन थे , और वही सच्ची रामायण की बात करे तो इसमें राम को गुंडा और सीता को व्यश्य जबकि रावण को महान विद्द्वान कहा गया हैं , इससे पता चलता हैं की जो रामायण लिखा गया हैं वह बिल्कुल काल्पनिक हैं और इसे अलग अलग कवियों ने अपने अनुसार लोगो की मनोरंजन के लिए लिखा हैं , वैसे रामायण कोई ग्रन्थ नही हैं वो सिर्फ काब्य हैं ये बात लगभग सभी जानते हैं ,
रावण को तुलसी कृत रामायण में ब्राम्हण बताया गया हैं और राम को छात्रीय बताया गया हैं , और एक छात्रीय ने एक नही अनेको ब्राम्हण की वध किया , तो से किया ? भाई जब रावण ब्राम्हण था तो उसका पूरा कुल भी तो ब्राम्हण हुआ ना और रावण के कुल का सर्वनाश राम ने किया ,
हिन्दू ग्रन्थ व शास्त्र में लिखा हैं यदि कोई ब्राम्हण की हत्या करे तो वह महान पापी हैं, इस हिसाब से तो राम बहुत बड़ा पापी हुआ , अब आप ही सोचे की आप किसको जलना पसंद करेंगे
इसके अलावा ये भी लोग कहते हैं की रावण गोंड वंश का था तो उसी रामायण में लिखा हैं :-
विप्र पूजे बल गुण हिना
छुद्र ना पूजे बल गुण प्रवीना ||
अर्थात ब्राम्हण (विप्र ब्राम्हण को कहा गया हैं ) भले ही बल में कमजोर हो गुण में गुणहिन् हो उसकी पूजा होना चाहिये और छुद्र भले ही सक्ती साली हो उनके अन्दर महान गुण हो लेकिन उसकी पूजा नही होना चाहिये .
यदि रावण गोंड वंश का था तो स्वाभाविक हैं उसका पूजा ब्राम्हण नही करना चाहेगा
इसके अलवा तुलसी कृत रामायण में लिखा हैं की रावण श्रीलंका का हैं और उसे मारने के लिए बंदरो ने भारत और श्रीलंका के बीच सेतु बांध का निर्माण किया , इसके अलावा यह भी लिखा की श्रीलंका सोने की लंका था जिसे एक बन्दर ने अपने पूछ में जला कर रख कर दिया . अब बतावो जब श्रीलंका में आग लगा तो वहा का सिर्फ सोना जल गया और सभी जीव बच गए ? ये कैसे हो सकता हैं जब हनुमान में श्रीलंका को आग लगाया तो उसमे स्वाभिक सा हैं की उसमे निर्दोष जीव जंतु भी मारा गया होगा इन सबका मौत का जिम्मेदार कौन हैं , राम , हनुमान या रावण ,? राम या हनुमान का दुश्मनी केवल रावण से ही था ना तो निर्दोष जीव जंतु से तो नही, क्या हनुमान के पास दिमाग नही था जो उन्होंने लंका में आग लगा दिया और जो दुसमन रहा वो जीवित बच गया जबकि निर्दोष मर गए अगर ऐसा देखा जाये तो हनुमान भी महापापी हैं , और वही विज्ञानं की माने तो सोने को जलाने के लिए 4000 सेंटी ग्रेट तापमान जरुरत होता हैं इतने ताप में तो खुद हनुमान भी नही बचता श्रीलंका वालो को पूछता कौन हैं ||
मेरा समझ नही आता जो हनुमान बड़े से बड़े पर्वत को अपने हाथ में उठा कर उड़ सकता हैं वो राम के सेना को उठा कर श्री लंका क्यों नही ले जा सका पुल बाधाने में इतना समय क्यों लगया , अब यह कई लोगो का मत होगा की राम भगवान था इसलिए उन्हें उठाना हनुमान के लिए अच्छा नही होगा तो उन लोग मेरे को ये बताये जब राम और लाक्सामन को नरक में से लाया तो कौन सा पुल बनाया था ? उस समय भी तो हनुमान अपने कंधो में उठा कर लाया था || इसके अलावा जो सेतु पुल बना वह कहा गया ? नासा की माने तो वह जो सेतु पुल हैं वह भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाली एक छोटी सी पर्वत हैं जिसका निर्माण सह्वाल जैसे घास से हुवा हैं और आज वो समुद्र जल से 35 मीटर नीचे आज भी हैं , अगर हनुमान ने सेतु पुल बनाया तो गयब या डूबा कैसे ये तो डूबने वाला पत्थर नही था ना ||
खैर छोड़ो अगर ऐसे ही तर्क वितर्क करे तो हमें पुरे देश से अपने दुश्मनो को हटाना पड़ेगा |
खैर हमारा मुद्दा हैं रावण कौन हैं और हमें उसका पूजा क्यों करना चाहिए तो रावण कोई व्यक्ति नही हैं बल्कि यह आदिवासी समुदायों के 10 शक्तिशाली राजा हैं जिनमे सभु सेक , भीमल पेन , बोदल पेन ,बर्गन पेन , रक्शा पेन आदि हैं जिसकी पूजा आदिवासी समुदाय आज भी अपने घर से लेकर खेतो में करते हैं , जब ब्राम्हणों का लड़ाई आदिवासी समुदायों के इन राजावो से हुवा तो इन राजावो के छवि को ख़राब करने के लिए रावण शब्द का प्रयोग किया , वास्तव में रावण शब्द , राव पाटा से निकला हुवा अभ्रंश शब्द हैं जिसमे राव का मतलब होता हैं राजा और पाटा का मतलब होता हैं प्रक्रति में विलीन अर्थात मृत , आदिवासी समुदाय आज भी प्रकृति में घटित होने वाले सक्ती जन्म और मृतु के स्वरुप को मनाते हैं अर्थात येन और पेन के रूप में हर किसी को पूजा जाता हैं ( येन मतलब जो जीवित हो और अपने समाज या परिवार के लिए अच्छा काम कर रहे हो तो उन्हें येन के रूप में पूजा जाता हैं जबकि पेन का मतलब होता हैं मृत अर्थात अच्छे लोगो मरने के बाद भी पेन ( देवता ) के रूप में पूजा जाता हैं ) |
जैसे की ऊपर बताया गया हैं हमारे 10 महासक्तिशाली पेन राजा थे जिन्हें ब्राम्हण समाज ने रावण का नाम दिया हैं उन्हें हमारा पूजा करने का हक्क बनता हैं क्योकि वो हमारे पेन शक्ति आज भी जीवित हैं ,
रही बात रावण की तो रावण का कोई अस्तित्व नही हैं इसे खुद श्रीलंका वाले भी नही जानते